सादाबाद गेट स्थित श्री बूटी नाथ मंदिर पर श्रीमद् भागवत कथा के शष्ठम दिवस भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं का मनोहारी वर्णन

हथरस। सादाबाद गेट स्थित श्री बूटी नाथ मंदिर के सानिध्य में भगवान श्री राम के अनन्य सेवक श्री हनुमान जी बालाजी महाराज मंदिर  प्रांगण में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के शष्ठम दिवस की कथा में युवा व्यास श्री शुभम वशिष्ठ जी की मनमोहक व्याख्यान ने नंदोत्सव के पर्यंत भगवान श्री कृष्ण की छठ पूजा, यमुना पूजन के बाद भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं का अद्भुत प्रस्तुतिकरण समस्त भक्त जनों को आल्हादित, रोमांचित एवं करुण रस से अभिसिंचित करते हुए अश्रुधारा बहाने पर विवश व बाध्य कर दिया।
        मुख्य रूप से पूतना वध, अघा, बकासुर, सकटासुर,तृणावर्त आदि राक्षसों का विनाश करते हुए भगवान श्री कृष्ण जी की भक्ति संताप हरण की सुखकारी, मनोहारी,कल्याणकारी, बाल लीलाओं का सुव्यवस्थित ढंग से कथा के  एवं मध्य मध्य में सामायिक भजनों की प्रस्तुति से संपूर्ण श्रोता झूम उठे।
       कथा विश्राम से पूर्व कालिया नाग के उद्धार का जहां एक तरफ बहुत ही करुण रस से तड़पती,कलपती,बिलखती मां यशोदा के रुदन भाव से संपूर्ण भक्तजनों में क्रंदन रुदन भाव उभर कर छलक पड़ा, वही दूसरी तरफ कद्रू, विनिता, गरुड़ और सर्पों की गुढ कहानियों को सुनाया। गरुण के भय से सौभरी ऋषि के आश्रम निकट रह, विष वमन करने वाले कालिया नाग को मुक्त कर अभय दान दिया और कथा को एक बहुत ही खूबसूरत मोड़ देकर श्री गिर्राज धरण महाराज के पूजन की झांकी से नृत्य,उल्लास, प्रसन्नता और सुख की अनुभूति के साथ जिसप्रकार कथा विश्राम किया, वह अद्भुत कौशल्य के साथ विद्वता का ही द्योतक एवं परिचायक रहा।
       पूजा आचार्य के रूप में पंडित मनोज द्विवेदी ने वेदी पूजन एवं श्रीमद्भागवत के मूल पाठ का पाठ किया एवं जप माला का कार्य पंडित शिवा सारस्वत एवं मोहित पंडित ने बहुत आस्था  के साथ  कर रहे हैं। आभार माना सम्पूर्ण आयोजकों के साथ संजीव पण्डित ने।
आज समस्त कथाकार मण्डल का सम्मान श्री राम ललित परिवार द्वारा किया गया।