हाथरस । प्रसिद्ध बाला जी हनुमान मंदिर प्रांगण में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के सप्तम दिवस में कन्हैया के हाथों असुरों के विनाश करते हुए गऊ चारण करते वन वन पर्वत ग्वाल बाल गोपीजन संग अनंत लीला करते,मथुरा गमन, चाणूर,कंसवध,महाराज अग्रसेन का राज्याभिषेक, ऊधव गोपी संवाद,भगवान कृष्ण का द्वारिका गमन,बलराम विवाह,कुंडिनपुर की राजकुमारी का पत्र पाकर श्री कृष्ण का अकेले जाना, रुक्मिणी द्वारा हरण कर पाणिग्रहण की झांकी दर्शन,भगवान के 16108(सोलह हजार एक सौ आठ) पत्नियों की सार कथाएं मंत्र मुग्ध करने वाली रही।
प्रद्युम्न जन्म के साथ ही श्री राधा कृष्ण विवाह प्रसंग को सुन सभी भक्त समूह बरबस आनंदित हो श्रवण लाभ लिया
गर्ग संहिता के सोलवें अध्याय व रघुवंश दर्पण के पंद्रहवें अध्याय से संदर्भित ब्रम्हा जी द्वारा कन्यादान व पौरोहित कर्म करते हुए राधा कृष्ण विवाह पांच वर्ष की आयु में,फाल्गुन कृष्ण पक्ष सप्तमी को भांडीर वन में भांवर पड़ने का प्रमाण दिया।
कथा प्रवक्ता युवा विद्वान हाथरस जनपद के मूर्धन्य भागवत गौरव व प्रवर्तक भागवताचार्य शुभम वशिष्ठ शास्त्री द्वारा सुदामापुरी (पोरबन्दर, गुजरात) के निर्धन विप्र सुदामा व उनकी धर्म पत्नी सुशीला की कथा प्रसंग को जहां करूण रससिक्त कर अश्रु बहाने वाला बनाकर सभी को रोने पर विवश किया वहीं श्री कृष्ण सुदामा की परम मिताई को सुखानुभूती से परम गौरव के साथ भक्तवत्सलता की अद्भुत झांकी के साथ दिव्य दृष्टांत के सिद्धांत का प्रतिपादन किया। कथा का विश्राम कल दोपहर तीन बजे होगा।
श्रीमद्भागवत कथा के सप्तम दिवस श्री राधा कृष्ण विवाह प्रसंग को सुन सभी भक्त हुए आनंदित